रागम्: भैरवी (मेलकर्त 20, नटभैरवी)
आरोहण: स ग2 रि2 ग2 म1 प द2 नि2 स’ (षड्जम्, साधारण गांधारम्, चतुश्रुति ऋषभम्, साधारण गांधारम्, शुद्ध मध्यमम्, पंचमम्, चतुश्रुति धैवतम्, कैशिकी निषादम्, षड्जम्)
अवरोहण: स’ . नि2 . द1 प . म1 . ग2 रि2 . स (षड्जम्, कैशिकी निषादम्, शुद्ध धैवतम्, पंचमम्, शुद्ध मध्यमम्, साधारण गांधारम्, चतुश्रुति ऋषभम्, षड्जम्)
तालम्: चतुस्र जाति ध्रुव तालम्
अंगाः: 1 लघु (4 काल) + 1 धृतम् (2 काल) + 1 लघु (4 काल) + 1 लघु (4 काल)
रूपकर्त: पुरंधर दास
भाषा: संस्कृतम्
साहित्यम्
श्री रामचंद्र श्रित पारिजात समस्त
कल्याण गुणाभि राम सीता मुखांबोरुह
संचरीक निरंतरं मंगल मातनोतु
स्वराः
ग | रि | ग | म | । | प | , | । | म | ग | रि | ग | । | म | प | म | , | ॥ |
श्री | – | रा | – | । | म | – | । | चं | – | द्र | – | । | श्रि | त | पा | – | ॥ |
प | द2 | नि | नि | । | द1 | प | । | म | नि | द1 | प | । | म | ग | रि | स | ॥ |
– | रि | जा | – | । | – | त | । | स | म | – | – | । | – | – | – | स्त | ॥ |
स | रि | स | प | । | म | प | । | ग | रि | ग | म | । | ग | ग | रि | स | ॥ |
कल् | – | – | या | । | – | ण | । | गु | णा | – | भि | । | रा | – | – | म | ॥ |
रि | रि | ग | ग | । | म | म | । | ग | ग | रि | ग | । | म | प | म | म | ॥ |
सी | – | ता | – | । | मु | खा | । | अं | – | – | – | । | बो | – | रु | ह | ॥ |
प | द2 | द2 | नि | । | नि | स’ | । | प | द2 | नि | स’ | । | रि’ | ग’ | रि’ | स’ | ॥ |
सं | – | – | – | । | – | च | । | री | – | – | – | । | – | – | – | क | ॥ |
नि | रि’ | स’ | ग’ | । | रि’ | स’ | । | नि | नि | द1 | म | । | प | द2 | नि | स’ | ॥ |
नि | रं | – | त | । | रं | – | । | मं | – | ग | ल | । | मा | – | – | त | ॥ |
प | द1 | प | स’ | । | नि | स’ | । | प | द1 | म | प | । | ग | , | रि | स | ॥ |
नो | – | – | तु | । | – | – | । | – | – | – | – | । | – | – | – | – | ॥ |