विजयी विश्वतिरङ्गा प्यारा
झण्डा ऊञ्छा रहे हमारा ॥झण्डा॥

सदा शक्ति बर्साने वाला
प्रेम सुधा सर्साने वाला
वीरोङ्को हर्षाने वाला
मातृभूमिका तन् मन् सारा ॥झण्डा॥

स्वतन्त्रताकी भीषण रण् मे
लग्​कर् बडॆ जोष् क्षण् क्षङ्​मे
कावे शत्रु देख्​कर् मन्​मे
मिट् जावे भय् सङ्कट् सारा ॥झण्डा॥

इन् झण्डेके नीचे निर्भय्
ले स्वराज्य यह अविचल निश्चय्
बोलो, भारत् माताकी जय्
स्वतन्त्रता हि ध्येय् हमारा ॥झण्डा॥

इस् की षान् नी जाने पावे
चाहॆ जान् भलेहि जायॆ
विश्व विजय कर् के दिख् लावे
तब् हूवे प्रण पूर्ण हमारा ॥झण्डा॥