ए देशमेगिना ऎंदु कालॆडिना
ए पीठमॆक्किना, ऎव्वरेमनिना,
पॊगडरा नी तल्लि भूमि भारतिनि,
निलपरा नी जाति निंडु गौरवमु.
ए पूर्व पुण्यमो, ए योग बलमो
जनियिंचिनाड वी स्वर्गखंडमुन
ए मंचिपूवुलन् प्रेमिंचिनावो
निनु मोचॆ ई तल्लि कनक गर्भमुन.
लेदुरा इटुवंटि भूदेवि यॆंदू
लेरुरा मनवंटि पौरुलिंकॆंदु.
सूर्युनी वॆलुतुरुल् सोकुनंदाक,
ओडला झंडालु आडुनंदाक,
अंदाक गल ई अनंत भूतलिनि
मन भूमि वंटि चल्लनि तल्लि लेदु
पाडरा नी वीर भाव भारतमु.
तम तपस्सुलु ऋषुल् धारवोयंगा
सौर्य हारमुल् राजचंद्रुलर्पिंप
भाव सूत्रमु कवि प्रभुवुलल्लंग
राग दुग्धमुल् भक्तरत्नमुल् पिदक
दिक्कुलकॆगदन्नु तेजम्मु वॆलग
राल्ल तेनियलूरु रागालु सागा
जगमुलनूगिंचु मगतनंबॆगय
सौंदर्यमॆग बोयु साहित्यमलर
वॆलिगिनदी दिव्य विश्वंबुपुत्र
दीविंचॆ नी दिव्य देशंबु पुत्र
पॊलमुला रत्नालु मॊलिचॆरा इचट
वार्धिलो मुत्यालु पंडॆरा इचट
पृथिवि दिव्यौषधुल् पिदिकॆरा मनकू
कानला कस्तूरि काचरा मनकु.
अवमानमेलरा ? अनुमानमेलरा ?
भारतेयुडनंचु भक्तितो पाड!