रामचंद्राय जनकराजजा मनोहराय
मामकाभीष्टदाय महित मंगलम् ॥
कोसलेशाय मंदहास दासपोषणाय
वासवादि विनुत सद्वरद मंगलम् ॥ 1 ॥
चारु कुंकुमो पेत चंदनादि चर्चिताय
हारकटक शोभिताय भूरि मंगलम् ॥ 2 ॥
ललित रत्नकुंडलाय तुलसीवनमालिकाय
जलद सद्रुश देहाय चारु मंगलम् ॥ 3 ॥
देवकीपुत्राय देव देवोत्तमाय
चाप जात गुरु वराय भव्य मंगलम् ॥ 4 ॥
पुंडरीकाक्षाय पूर्णचंद्राननाय
अंडजातवाहनाय अतुल मंगलम् ॥ 5 ॥
विमलरूपाय विविध वेदांतवेद्याय
सुजन चित्त कामिताय शुभग मंगलम् ॥ 6 ॥
रामदास मृदुल हृदय तामरस निवासाय
स्वामि भद्रगिरिवराय सर्व मंगलम् ॥ 7 ॥