मरुगेलरा ओ राघवा!
मरुगेल – चरा चर रूप
परात्पर सूर्य सुधाकर लोचन
अन्नि नी वनुचु अन्तरङ्गमुन
तिन्नगा वॆदकि तॆलुसुकॊण्टि नय्य
नॆन्नॆ गानि मदिनि ऎन्नजाल नॊरुल
नन्नु ब्रोववय्य त्याग राजनुत
मरुगेलरा ओ राघवा!
मरुगेल – चरा चर रूप
परात्पर सूर्य सुधाकर लोचन
अन्नि नी वनुचु अन्तरङ्गमुन
तिन्नगा वॆदकि तॆलुसुकॊण्टि नय्य
नॆन्नॆ गानि मदिनि ऎन्नजाल नॊरुल
नन्नु ब्रोववय्य त्याग राजनुत
रागं: वागधीश्वरीतालं: आदि पल्लविपरमात्मुडु वॆलिगे मुच्चट बाग तॆलुसुकोरे अनुपल्लविहरियट हरुडट सुरुलट नरुलटअखिलाण्ड कोटुलटयन्दरिलो (परम) चरनम्गगनाअनिल तेजो-जल भू-मयमगुमृग खग नग तरु कोटुललो5सगुणमुलो 6विगुणमुलो सततमुसाधु त्यागराजादियाश्रितुललो (परम)
Read moreरागं: अमृतवाहिनीतालं: आदि पल्लविश्री राम पादमा नी कृप चालुने चित्तानिकि रावे अनुपल्लविवारिज भव सनक सनन्दनवासवादि नारदुलॆल्ल पूजिञ्चे (श्री) चरनम्दारिनि शिलयै तापमु तालकवारमु कन्नीरुनु राल्चगशूर अहल्यनु जूचि ब्रोचितिविआ रीति धन्यु सेयवे त्यागराज गेयमा…
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