रागं: बेहाग् (9 धीर शंकराभरणं जन्य)
आ: स ग3 म1 प नि3 द2 नि3 स
अव: स नि3 द2 प म1 ग3 रि2 स
तालं: आदि

पल्लवि
नारायणते नमो नमो
भव नारद सन्नुत नमो नमो ॥ (2.5)

चरणं 1
मुरहर भवहर मुकुंद माधव
गरुड गमन पंकजनाभ । (2)
परम पुरुष भवबंध विमोचन
नर मृग शरीर नमो नमो ॥ (2.5)
नारायणते नमो नमो …(1.5)

चरणं 2
जलधि शयन रविचंद्र विलोचन
जलरुह भवनुत चरणयुग । (2)
बलिबंधन गोप वधू वल्लभ
नलिनो दरते नमो नमो ॥ (2.5)
नारायणते नमो नमो …(1.5)

चरणं 3
आदिदेव सकलागम पूजित
यादवकुल मोहन रूप । (2)
वेदोद्धर श्री वेंकट नायक
नाद प्रियते नमो नमो ॥ (2.5)
नारायणते नमो नमो …(2.5)