ऎक्कुव कुलजुडैन हीन कुलजुडैन
निक्कमॆरिगिन महा नित्युडे घनुडु ॥
वेदमुलु चदिवियुनु विमुखुडै हरिभक्ति
यादरिंचनि सोमयाजि कंटॆ ।
एदियुनु लेनि कुल हीनुडैननु विष्णु
पादमुलु सेविंचु भक्तुडे घनुडु ॥
परममगु वेदांत पठन दॊरिकियु सदा
हरि भक्ति लेनि सन्यासि कंटॆ ।
सरवि मालिन अंत्य जाति कुलजुडैन
नरसि विष्णुनि वॆदकु नातडे घनुडु ॥
विनियु चदिवियुनु, श्री विभुनि दासुडु गाक
तनुवु वेपुचु नुंडु तपसि कंटॆ ।
ऎनलेनि तिरु वेंकटेशु प्रसादान्नमु
अनुभविंचिन यातडप्पुडे घनुडु ॥