अथ द्वादशस्तोत्रम्

आनन्दमुकुन्द अरविन्दनयन ।
आनन्दतीर्थ परानन्दवरद ॥ 1॥

सुन्दरीमन्दिरगोविन्द वन्दे ।
आनन्दतीर्थ परानन्दवरद ॥ 2॥

चन्द्रकमन्दिरनन्दक वन्दे ।
आनन्दतीर्थ परानन्दवरद ॥ 3॥

चन्द्रसुरेन्द्रसुवन्दित वन्दे ।
आनन्दतीर्थ परानन्दवरद ॥ 4॥

मन्दारसूनसुचर्चित वन्दे ।
आनन्दतीर्थ परानन्दवरद ॥ 5॥

वृन्दार वृन्द सुवन्दित वन्दे ।
आनन्दतीर्थ परानन्दवरद ॥ 6॥

इन्दिराऽनन्दक सुन्दर वन्दे ।
आनन्दतीर्थ परानन्दवरद ॥ 7॥

मन्दिरस्यन्दनस्यन्दक वन्दे ।
आनन्दतीर्थ परानन्दवरद ॥ 8॥

आनन्दचन्द्रिकास्यन्दक वन्दे ।
आनन्दतीर्थ परानन्दवरद ॥ 9॥

इति श्रीमदानन्दतीर्थभगवत्पादाचार्य विरचितं
द्वादशस्तोत्रेषु द्वादशं स्तोत्रं सम्पूर्णम्
॥ भारतीरमणमुख्यप्राणान्तर्गत श्रीकृष्णार्पणमस्तु॥