अन्नमय्य कीर्तन जगडपु चनुवुल

जगडपु चनुवुल जाजरसगिनल मञ्चपु जाजर ॥ मॊल्ललु तुरुमुल मुडिचिन बरुवुनमॊल्लपु सरसपु मुरिपॆमुन ।जल्लन पुप्पॊडि जारग पतिपै चल्ले पतिपैचल्ले रतिवलु जाजर ॥ भारपु कुचमुल पैपै कडु सिं-गारमु नॆरपेटि गन्धवॊडि ।चेरुव पतिपै…

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अन्नमय्य कीर्तन जो अच्युतानन्द

जो अच्युतानन्द जोजो मुकुन्दारावॆ परमानन्द राम गोविन्दा ॥ अङ्गजुनि गन्न मा यन्न यिटु राराबङ्गारु गिन्नॆलो पालु पोसेरा ।दॊङ्ग नीवनि सतुलु गॊङ्कुचुन्नारामुङ्गिट नाडरा मोहनाकार ॥ गोवर्धनम्बॆल्ल गॊडुगुगा पट्टिकावरम्मुन नुन्न कंसुपडगॊट्टि ।नीवु…

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अन्नमय्य कीर्तन षोडश कलानिधिकि

षोडश कलानिधिकि षोडशोपचारमुलुजाडतोड निच्चलुनु समर्पयामि ॥ अलरु विश्वात्मकुननु आवाहनमिदॆ सर्वनिलयुनकु आसनमु नॆम्मिनिदे ।अलगङ्गा जनकुनकु अर्घ्यपाद्य-अचमनालुजलधि शायिकिनि मज्जनमिदे ॥ वरपीताम्बरुनकु वस्त्रालङ्कारमिदॆसरि श्रीमन्तुनकु भूषणमुलिवे ।धरणीधरुनकु गन्धपुष्प धूपमुलुतिरमिदॆ कोटिसूर्यतेजुनकु दीपमु ॥ अमृतमथनुनकु नदिवो…

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अन्नमय्य कीर्तन कॊण्डललो नॆलकॊन्न

कॊण्डललो नॆलकॊन्न कोनेटि रायडु वाडुकॊण्डलन्त वरमुलु गुप्पॆडु वाडु ॥ कुम्मर दासुडैन कुरुवरति नम्बिइम्मन्न वरमुलॆल्ल इच्चिनवाडु ।दॊम्मुलु सेसिन यट्टि तॊण्डमान् चक्कुरवर्तिरम्मन्न चोटिकि वच्चि नम्मिन वाडु ॥ अच्चपु वेडुकतोड ननन्ताल्वारुकिमुच्चिलि वॆट्टिकि मन्नि…

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अन्नमय्य कीर्तन ऎक्कुव कुलजुडैन

ऎक्कुव कुलजुडैन हीन कुलजुडैननिक्कमॆरिगिन महा नित्युडे घनुडु ॥ वेदमुलु चदिवियुनु विमुखुडै हरिभक्तियादरिञ्चनि सोमयाजि कण्टॆ ।एदियुनु लेनि कुल हीनुडैननु विष्णुपादमुलु सेविञ्चु भक्तुडे घनुडु ॥ परममगु वेदान्त पठन दॊरिकियु सदाहरि भक्ति लेनि…

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अन्नमय्य कीर्तन मनुजुडै पुट्टि

मनुजुडै पुट्टि मनुजुनि सेविञ्चिअनुदिनमुनु दुःखमन्दनेला ॥ जुट्टॆडु कडुपुकै चॊरनि चोट्लु जॊच्चिपट्टॆडु कूटिकै बतिमालि ।पुट्टिन चोटिके पॊरलि मनसुवॆट्टिवट्टि लम्पटमु वदलनेरडुगान ॥ अन्दरिलो पुट्टि अन्दरिलो चेरिअन्दरि रूपमुलटु तानै ।अन्दमैन श्री वेङ्कटाद्रीशु सेविञ्चिअन्दरानि…

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अन्नमय्य कीर्तन तन्दनाना अहि

तन्दनान अहि, तन्दनान पुरॆतन्दनान भला, तन्दनान ॥ ब्रह्म मॊकटे, परब्रह्म मॊकटे, परब्रह्म मॊकटे, परब्रह्म मॊकटे ॥ कन्दुवगु हीनाधिकमु लिन्दु लेवुअन्दरिकि श्रीहरे अन्तरात्म ।इन्दुलो जन्तुकुल मन्ता ऒकटेअन्दरिकी श्रीहरे अन्तरात्म ॥ निण्डार…

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अन्नमय्य कीर्तन अदिवो अल्लदिवो

रागं: मध्यमावति (22 खरहरप्रिय जन्य)आ: स रि2 म1 प द1 नि2 सअव: स नि2 प म1 रि2 सतालं: आदि पल्लविअदिवो अल्लदिवो श्री हरि वासमुपदिवेल शेषुल पडगल मयमु ॥ (2.5) चरणं 1अदॆ वेङ्कटाचल मखिलोन्नतमुअदिवो ब्रह्मादुल…

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अन्नमय्य कीर्तन इन्दरिकि अभयम्बु

रागं: बेहाग्/अहीर्भैरव्,सौराष्ट्र/रागमालिकआ: श् ऱ1 घ3 ं1 फ् ण2 ड2 ं1 फ् ड2 श्अव: श् ण2 ड2 फ् ं1 फ् घ3 ऱ1 श्तालं: रूपक/आदि पल्लविचन्दमाम रावो जाबिल्लि रावोकुन्दनपु पैडि कोर वॆन्न पालु तेवो ॥ (2.5)…

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अन्नमय्य कीर्तन चन्दमाम रावो

चन्दमाम रावो जाबिल्लि रावोकुन्दनपु पैडि कोर वॆन्न पालु तेवो ॥ नगुमोमु चक्कनि यय्यकु नलुव बुट्टिञ्चिन तण्ड्रिकिनिगममु लन्दुण्डे यप्पकु मा नील वर्णुनिकि ।जगमॆल्ल नेलिन स्वामिकि इन्दिर मगनिकिमुगुरिकि मॊदलैन घनुनिकिमा मुद्दुल मुरारि…

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