अन्नमय्य कीर्तन अन्नि मन्त्रमुलु

रागं: अमृतवर्षिणिआ: स ग3 म2 प नि3 सअव: स नि3 प म2 ग3 सतालं: आदि पल्लविअन्नि मन्त्रमुलु निन्दे आवहिञ्चॆनुवॆन्नतो नाकु गलिगॆ वेङ्कटेशु मन्त्रमु ॥ (2.5) चरणं 1नारदुण्डु जपियिञ्चॆ नारायण मन्त्रमुचेरॆ प्रह्लादुडु नारसिंह मन्त्रमु ।…

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अन्नमय्य कीर्तन विनरो भाग्यमु

रागं: शुद्ध धन्यासिआ: ग2 म1 प नि2 प सअव: स नि2 प म1 ग2 सतालं: आदि पल्लविविनरो भाग्यमु विष्णुकथवॆनुबलमिदिवो विष्णुकथ ॥ (2.5) चरणं 1आदि नुण्डि सन्ध्यादि विधुललोवेदम्बयिनदि विष्णुकथ । (2)नादिञ्चीनिदॆ नारदादुलचेवीथि वीथुलने विष्णुकथ ।…

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अन्नमय्य कीर्तन तिरुवीधुल मॆऱसी

रागं: श्रीआ: स रि2 म1 प द1 नि2 सअव: स नि2 प द2 नि2 प म1 रि2 ग2 रि2 सतालं: आदि पल्लवितिरुवीथुल मॆऱसी देवदेवुडुगरिमल मिञ्चिन सिङ्गारमुलतोडनु ॥ (2.5) चरणं 1तिरुदण्डेलपै नेगी देवुडिदॆ तॊलुनाडुसिरुल रॆण्डवनाडु…

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अन्नमय्य कीर्तन मूसिन मुत्यालकेले

मूसिन मुत्याल केले मॊरगुलुआशल चित्तानि केले अलवोकलु ॥ कन्दुलेनि मोमुन केले कस्तूरिचिन्दु नी कॊप्पुन केले चेमन्तुलु ।मन्दयानमुन केले मट्टॆल मोतलुगन्धमेले पैपै कम्मनि नी मेनिकि ॥ भारपु गुब्बल केले पय्यॆद नीबीरपु…

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अन्नमय्य कीर्तन कट्टॆदुर वैकुण्ठमु

कट्टॆदुर वैकुण्ठमु काणाचयिन कॊण्डतॆट्टराय महिमले तिरुमल कॊण्ड ॥ वेदमुले शिललै वॆलसिनदि कॊण्डयेदॆस बुण्यरासुले येरुलैनदि कॊण्ड ।गादिलि ब्रह्मादि लोकमुल कॊनलु कॊण्डश्रीदेवु डुण्डेटि शेषाद्रि कॊण्ड ॥ सर्वदेवतलु मृगजातुलै चरिञ्चे कॊण्डनिर्वहिञ्चि जलधुले निट्टचरुलैन…

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