जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थलेगलेवलंब्य लंबितां भुजंगतुंगमालिकाम् ।डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयंचकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥ 1 ॥ जटाकटाहसंभ्रमभ्रमन्निलिंपनिर्झरी–विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावकेकिशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥ 2 ॥ धराधरेंद्रनंदिनीविलासबंधुबंधुरस्फुरद्दिगंतसंततिप्रमोदमानमानसे ।कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदिक्वचिद्दिगंबरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥ 3 ॥ जटाभुजंगपिंगलस्फुरत्फणामणिप्रभाकदंबकुंकुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।मदांधसिंधुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरेमनो…
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