जय जय जय प्रिय भारत जनयित्री दिव्य धात्रि
जय जय जय शत सहस्र नरनारी हृदय नेत्रि

जय जय जय सुश्यामल सस्य चलच्चेलांचल
जय वसंत कुसुम लता चलित ललित चूर्णकुंतल
जय मदीय हृदयाशय लाक्षारुण पद युगला! ॥ जय ॥

जय दिशांत गत शकुंत दिव्यगान परितोषण
जय गायक वैतालिक गल विशाल पद विहरण
जय मदीय मधुरगेय चुंबित सुंदर चरणा! ॥ जय॥