सिंगार वेल सकलेश्वर दीनबंधो ।
संतापनाशन सनातन शक्तिहस्त
श्रीकार्तिकेय मम देहि करावलंबम् ॥ 1

पंचाद्रिवास सहजा सुरसैन्यनाथ
पंचामृतप्रिय गुह सकलाधिवास ।
गंगेंदु मौलि तनय मयिल्वाहनस्थ
श्रीकार्तिकेय मम देहि करावलंबम् ॥ 2

आपद्विनाशक कुमारक चारुमूर्ते
तापत्रयांतक दायापर तारकारे ।
आर्ताऽभयप्रद गुणत्रय भव्यराशे
श्रीकार्तिकेय मम देहि करावलंबम् ॥ 3

वल्लीपते सुकृतदायक पुण्यमूर्ते
स्वर्लोकनाथ परिसेवित शंभु सूनो ।
त्रैलोक्यनायक षडानन भूतपाद
श्रीकार्तिकेय मम देहि करावलंबम् ॥ 4

ज्ञानस्वरूप सकलात्मक वेदवेद्य
ज्ञानप्रियाऽखिलदुरंत महावनघ्ने ।
दीनवनप्रिय निरमय दानसिंधो
श्रीकार्तिकेय मम देहि करावलंबम् ॥ 5

इति श्री कार्तिकेय करावलंब स्तोत्रम् ।