कर्णाटक संगीत गीतम् – लक्षण गीतं हरि केदारगौल

रागम्: हरि केदार गौल (मेलकर्त 28, हरिकांभोजि)आरोहण: स रि2 म1 प नि2 स’ (षड्जम्, चतुश्रुति ऋषभम्, शुद्ध मध्यमम्, पंचमम्, कैशिकी निषादम्, षड्जम्)अवरोहण: स’ नि2 द2 प म1 ग3 रि2 स (षड्जम्, कैशिकी निषादम्,…

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कर्णाटक संगीत गीतम् – श्री रामचंद्र श्रित पारिजात

रागम्: भैरवी (मेलकर्त 20, नटभैरवी)आरोहण: स ग2 रि2 ग2 म1 प द2 नि2 स’ (षड्जम्, साधारण गांधारम्, चतुश्रुति ऋषभम्, साधारण गांधारम्, शुद्ध मध्यमम्, पंचमम्, चतुश्रुति धैवतम्, कैशिकी निषादम्, षड्जम्)अवरोहण: स’ . नि2 .…

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कर्णाटक संगीत गीतम् – मीनाक्षी जय कामाक्षी

रागम्: श्री (मेलकर्त 22, खरहरप्रिय)आरोहण: स . रि2 . . म1 . प . . नि2 . स’ (षड्जम्, चतुश्रुति ऋषभम्, शुद्ध मध्यमम्, पंचमम्, कैशिकी निषादम्, षड्जम्)अवरोहण: स’ . नि2 . . प…

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कर्णाटक संगीत गीतम् – कमल सुलोचन

रागम्: आनंदभैरवि (मेलकर्त 2, नटभैरवि)आरोहण: स ग2 रि2 ग2 म1 प द2 प स’ (षड्जम्, साधारण गांधारम्, चतुश्रुति ऋषभम्, साधारण गांधारम्, शुद्ध मध्यमम्, पंचमम्, चतुश्रुति धैवतम्, पंचमम्, षड्जम्)अवरोहण: स’ . नि2 द2 .…

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कर्णाटक संगीत गीतम् – रे रे श्री रामचंद्र

रागम्: आरभि (मेलकर्त 29, धीर शंकराभरणम्)स्वर स्थानाः: षड्जम्, काकली निषादम्, चतुश्रुति धैवतम्, पंचमम्, शुद्ध मध्यमम्, अंतर गांधारम्, चतुश्रुति ऋषभम्, षड्जम्आरोहण: स . रि2 . . म1 . प . द2 . . स’अवरोहण: स’…

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कर्णाटक संगीत गीतम् – मंदर धर रे

रागम्: कांभोजी (मेलकर्त 28, हरिकांभोजी)स्वर स्थानाः: षड्जम्, कैशिकी निषादम्, चतुश्रुति धैवतम्, पंचमम्, शुद्ध मध्यमम्, अंतर गांधारम्, चतुश्रुति ऋषभम्, षड्जम्आरोहण: स . रि2 . ग3 म1 . प . द2 . . स’अवरोहण: स’ .…

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कर्णाटक संगीत गीतम् – जनक सुता

रागम्: सावेरी (मेलकर्त 15, माया मालव गौल)स्वर स्थानाः: षड्जम्, काकली निषादम्, शुद्ध धैवतम्, पंचमम्, शुद्ध मध्यमम्, अंतर गांधारम्, शुद्ध ऋषभम्, षड्जम्आरोहण: स रि1 . . . म1 . प द1 . . .…

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कर्णाटक संगीत गीतम् – कमल जादल

रागम्: कल्याणी (मेलकर्त 65, मेचकल्याणी)स्वर स्थानाः: षड्जम्, चतुश्रुति ऋषभम्, अंतर गांधारम्, प्रति मध्यमम्, पंचमम्, चतुश्रुति धैवतम्, काकली निषादम्आरोहण: स . रि2 . ग3 . म2 प . द2 . नि3 स’अवरोहण: स’ नि3 .…

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कर्णाटक संगीत गीतम् – वर वीणा

रागम्: मोहनम् (मेलकर्त 28, हरिकांभोजि जन्यरागम्)स्वर स्थानाः: षड्जम्, चतुश्रुति ऋषभम्, अंतर गांधारम्, पंचमम्, चतुश्रुति धैवतम्आरोहण: स . रि2 . ग3 . . प . द2 . . स’अवरोहण: स’ . . द2 . प…

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कर्णाटक संगीत गीतम् – आन लेकर

रागम्: शुद्ध सावेरी (मेलकर्त 29, धीर शंकराभरणं जन्यरागम्)स्वर स्थानाः: षड्जम्, चतुश्रुति ऋषभम्, शुद्ध मध्यमम्, पंचमम्, चतुश्रुति धैवतम्आरोहण: स . रि2 . . म1 . प . द2 . . स’अवरोहण: स’ . . द2…

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