रागं: हुसेनि
तालं: आदि

आलोकये श्री बाल कृष्णं
सखि आनंद सुंदर तांडव कृष्णम् ॥आलोकये॥

चरण निक्वणित नूपुर कृष्णं
कर संगत कनक कंकण कृष्णम् ॥आलोकये॥

किंकिणी जाल घण घणित कृष्णं
लोक शंकित तारावलि मौक्तिक कृष्णम् ॥आलोकये॥

सुंदर नासा मौक्तिक शोभित कृष्णं
नंद नंदनं अखंड विभूति कृष्णम् ॥आलोकये॥

कंठोप कंठ शोभि कौस्तुभ कृष्णं
कलि कल्मष तिमिर भास्कर कृष्णम् ॥आलोकये॥

नवनीत खंठ दधि चोर कृष्णं
भक्त भव पाश बंध मोचन कृष्णम् ॥आलोकये॥

नील मेघ श्याम सुंदर कृष्णं
नित्य निर्मलानंद बोध लक्षण कृष्णम् ॥आलोकये॥

वंशी नाद विनोद सुंदर कृष्णं
परमहंस कुल शंसित चरित कृष्णम् ॥आलोकये॥

गोवत्स बृंद पालक कृष्णं
कृत गोपिका चाल खेलन कृष्णम् ॥आलोकये॥

नंद सुनंदादि वंदित कृष्णं
श्री नारायण तीर्थ वरद कृष्णम् ॥आलोकये॥