सारे जहासॆ अच्छा हिन्दुस्तान् हमारा
हं बुल् बुले है इस्​के, ये गुल् सिता हमारा॥

परबत् वो सब् से ऊञ्छा हम्​साया आस्​मान् का
वो सन्तरी हमारा ! वो पास्​बा हमारा॥

गोदिमे खेल्​तीहै इस्​की हजारो नदिया
गुल्​षन् है जिन्​के दम्​से रष्​के जिना हमारा॥

मज् – हब् नही सिखाता आपस्​मॆ बैर् रख्​ना
हिन्दी है हं वतन् है हिन्दुस्तान् हमारा॥