राजसभ, रघु रामसभ
सीता कान्त कल्याण सभ ।
अरिषड्वर्गमुलरयु सभ
परमपदम्बुनु ऒसगु सभ ॥ (राजसभ)
वेदान्तुलके ज्ञान सभ
विप्रवरुलके दान सभ ।
दुर्जनुलकु विरोधि सभ
सज्जनुलकु सन्तोष सभ ॥ (राजसभ)
सुरलु, असुरुलु कॊलचु सभ
अमरुलु, रुद्रुलु पॊगडु सभ ।
वॆरुवक हरिविल्लु विरचु सभ
जनकुनि मदि मॆप्पिञ्चु सभ ॥ (राजसभ)
भक्ति ज्ञानमुलॊसगु सभ
सृष्टि रहितुलै निलचु सभ ।
उत्तम पुरुषुल मुक्ति सभ
चित्त विश्रान्तिनॊसगु सभ ॥ (राजसभ)
गं-धर्वुलु गानमु चेयु सभ
रं-भादुलु नाट्यमुलाडु सभ ।
पुष्प वर्षमुलु कुरियु सभ
पूज्युलैन मुनुलुण्डु सभ ॥ (राजसभ)