शिव मानस पूज
रत्नैः कल्पितमासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्याम्बरंनानारत्न विभूषितं मृगमदा मोदाङ्कितं चन्दनम् ।जाती चम्पक बिल्वपत्र रचितं पुष्पं च धूपं तथादीपं देव दयानिधे पशुपते हृत्कल्पितं गृह्यताम् ॥ 1 ॥ सौवर्णे नवरत्नखण्ड रचिते पात्रे…
Read moreरत्नैः कल्पितमासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्याम्बरंनानारत्न विभूषितं मृगमदा मोदाङ्कितं चन्दनम् ।जाती चम्पक बिल्वपत्र रचितं पुष्पं च धूपं तथादीपं देव दयानिधे पशुपते हृत्कल्पितं गृह्यताम् ॥ 1 ॥ सौवर्णे नवरत्नखण्ड रचिते पात्रे…
Read moreविदिताखिल शास्त्र सुधा जलधेमहितोपनिषत्-कथितार्थ निधे ।हृदये कलये विमलं चरणंभव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ 1 ॥ करुणा वरुणालय पालय मांभवसागर दुःख विदून हृदम् ।रचयाखिल दर्शन तत्त्वविदंभव शङ्कर देशिक मे शरणम्…
Read moreदेवराज-सेव्यमान-पावनाङ्घ्रि-पङ्कजंव्यालयज्ञ-सूत्रमिन्दु-शेखरं कृपाकरम् ।नारदादि-योगिबृन्द-वन्दितं दिगम्बरंकाशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ 1 ॥ भानुकोटि-भास्वरं भवब्धितारकं परंनीलकण्ठ-मीप्सितार्ध-दायकं त्रिलोचनम् ।कालकाल-मम्बुजाक्ष-मक्षशूल-मक्षरंकाशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ 2 ॥ शूलटङ्क-पाशदण्ड-पाणिमादि-कारणंश्यामकाय-मादिदेव-मक्षरं निरामयम् ।भीमविक्रमं प्रभुं विचित्र ताण्डव प्रियंकाशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ 3…
Read moreदेवराज-सेव्यमान-पावनाङ्घ्रि-पङ्कजंव्यालयज्ञ-सूत्रमिन्दु-शेखरं कृपाकरम् ।नारदादि-योगिबृन्द-वन्दितं दिगम्बरंकाशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ 1 ॥ भानुकोटि-भास्वरं भवब्धितारकं परंनीलकण्ठ-मीप्सितार्ध-दायकं त्रिलोचनम् ।कालकाल-मम्बुजाक्ष-मक्षशूल-मक्षरंकाशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ 2 ॥ शूलटङ्क-पाशदण्ड-पाणिमादि-कारणंश्यामकाय-मादिदेव-मक्षरं निरामयम् ।भीमविक्रमं प्रभुं विचित्र ताण्डव प्रियंकाशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ 3…
Read moreॐ शिवाय नमःॐ महेश्वराय नमःॐ शम्भवे नमःॐ पिनाकिने नमःॐ शशिशेखराय नमःॐ वामदेवाय नमःॐ विरूपाक्षाय नमःॐ कपर्दिने नमःॐ नीललोहिताय नमःॐ शङ्कराय नमः (10) ॐ शूलपाणये नमःॐ खट्वाङ्गिने नमःॐ विष्णुवल्लभाय नमःॐ शिपिविष्टाय…
Read moreनमामीशमीशान निर्वाणरूपंविभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहंचिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ 1 ॥ निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयंगिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।करालं महाकालकालं कृपालुंगुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ॥ 2 ॥ तुषाराद्रिसङ्काशगौरं गभीरंमनोभूतकोटिप्रभासी शरीरम् ।स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गालसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गम् ॥…
Read moreशान्तिपाठःॐ यो ब्रह्माणं विदधाति पूर्वंयो वै वेदांश्च प्रहिणोति तस्मै ।तं ह देवमात्मबुद्धिप्रकाशंमुमुक्षुर्वै शरणमहं प्रपद्ये ॥ ध्यानम्ॐ मौनव्याख्या प्रकटित परब्रह्मतत्त्वं युवानंवर्षिष्ठान्ते वसदृषिगणैरावृतं ब्रह्मनिष्ठैः ।आचार्येन्द्रं करकलित चिन्मुद्रमानन्दमूर्तिंस्वात्मारामं मुदितवदनं दक्षिणामूर्तिमीडे ॥ 1 ॥…
Read moreकलाभ्यां चूडालङ्कृतशशिकलाभ्यां निजतपः–फलाभ्यां भक्तेषु प्रकटितफलाभ्यां भवतु मे ।शिवाभ्यामस्तोकत्रिभुवनशिवाभ्यां हृदि पुन–र्भवाभ्यामानन्दस्फुरदनुभवाभ्यां नतिरियम् ॥ 1 ॥ गलन्ती शम्भो त्वच्चरितसरितः किल्बिषरजोदलन्ती धीकुल्यासरणिषु पतन्ती विजयताम् ।दिशन्ती संसारभ्रमणपरितापोपशमनंवसन्ती मच्चेतोह्रदभुवि शिवानन्दलहरी ॥ 2 ॥ त्रयीवेद्यं हृद्यं…
Read moreशिवोऽहं शिवोऽहं, शिवोऽहं शिवोऽहं, शिवोऽहं शिवोऽहं मनो बुध्यहङ्कार चित्तानि नाहंन च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राणनेत्रे ।न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुःचिदानन्द रूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ 1 ॥ न…
Read moreॐ नमः शिवाय शिवाय नमः ॐॐ नमः शिवाय शिवाय नमः ॐ नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै “न” काराय नमः शिवाय ॥ 1 ॥ मन्दाकिनी सलिल चन्दन चर्चितायनन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय…
Read more